ईद पर निबंध { ईद उल फितर } | Essay On Eid Ul Fitr in Hindi

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ईद पर निबंध, ईद उल फितर पर हिन्दी में निबंध

Eid Pr Nibandh, ईद पर निबंध

Eid Pr Essay In Hindi: ईद आने से एक महीने पहले रमजान का पवित्र महीना आता है। रमजान के महीने में मुसलमान लोग सुबह जल्दी उठ कर सूर्योदय से पूर्व कुछ खा-पीकर दिनभर रोजा (व्रत) रखा करते हैं। पाक-साफ रह कर दिन में पांच बार नमाज अदा करते हैं तथा शाम को रोज़ा नमक या खजूर से अपना रोज़ा खोलते /समाप्त करते हैं। इसी तरह से यह ३० दिन तक चलते है। रमजान में गरीबो को दान-पुण्य तथा निर्धनों आदि की मदद तहे दिल से की जाती है रमजान के ३० दिन पुरे होने के बाद ईद का त्यौहार आता है जिसे ईदुल फित्र भी कहा जाता है।

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मुसलमानो में ईद साल में दो तरह की आती है :-

  1. ईद (ईद-उल-फितर)
  2. बकरा ईद (ईद उल जुहा / ईद उल-अज़हा)

ईद का अर्थ:-

ईद अरबी का लफ्ज है जिस का अर्थ खुशी, जश्न मनाना होता है। ईद-उल-फितर का अर्थ है “रोज़े पुरे होने का त्यौहार” इसलिए ईद को ईद उल फित्र, ईद उल फितर, ईद, मीठी ईद भी कहा जाता है। ईद उल फितर शब्द अरबी के ‘फतर’ शब्द से बना हुआ है जिसका अर्थ है “टूटना”।

इस लेख में हम ईद यानि की ईदुल फित्र के बारे आप को जानकारी देंगे।

भाईचारे का त्यौहार ईद उल फितर पर निबंध –

हमारे देश भारत में अलग – अलग तरह के संस्कृति, धर्म और जाती लोग रहते है। सभी धर्मो के के लोग अपने धर्म के अनुसार त्यौहार मनाते है उसी तरह मुस्लिम समुदाय के लोग भी उनके मजहब के अनुसार बहुत से त्यौहार मनाते हैं। मुस्लिम धर्म का सबसे प्रमुख त्यौहार ईद उल फितर है। इस त्यौहार का हिन्दू धर्म के लोग भी मुस्लिम भाइयों को बधाईयाँ देते है। इस त्यौहार पर हिन्दू और सभी धर्मो के लोग भी अपने जान-पहचान वाले मुस्लिम भाइयों को बधाईयाँ देते है और मिठाईयां, खीर खाने उनके घर जाते है। इस तरह ईद भाईचारे और एकता को बढ़ावा देती है और नयी नयी खुशियां लेकर आती है।

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ईद उल फितर –

ईद उल फितर का त्योहार इस्लाम मजहब में मुसलमानो का बहुत ही खास त्यौहार माना जाता है। इस्लाम धर्म में मुसलमानो में ईमान का बड़ा ही महत्व है। अपने ईमान को मजबूत रखने के लिए हर मुसलमान खुदा की इबादत करता है और क़ुरआन पढता है।

रमज़ान का महीना इबादत और बरकत वाला महीना है! पुरे रमजान मुसलमान खुदा से अपने द्वारा किये गए बुरे कामो की माफ़ी मांगते है भविष्य में सही रास्ते पर चलने की और जीवन में खुशियों की दुआ करते है।

मुसलमान पुरे महीने रोजे रखते है और इबादत करते है और रमजान के 30 रोजे पुरे होने की ख़ुशी में चाँद देख कर ईद मनाई जाती है। इस त्यौहार को मुसलमान ईद-उल-फितर भी कहते है।

ईद कब मनाई जाती है –

मीठी ईद का त्योहार इस्लामी महीने के शव्वाल की पहली तारीख को मनाया जाता है । इस महीने से पहले रमजान का महीना आता है जिसे मुसलमान बहुत ही पाक महीना मानते हैं और इस पुरे महीने रोजे रखते है और सूरज के निकलने से लेकर सूरज के डूबने तक कुछ भी नहीं खाते पीते है। जब सूरज डूबने लगता है तब रोजा खोला जाता है जिसे उर्दू में इफ्तारी कहते है । रोजे रखकर मुसलमान पांच वक्त की नमाज भी अदा करते है और नमाज पढ़ते है । दिनभर कुरान शरीफ को पढ़ा करते है।

ईद-उल-फितर त्यौहार का महत्व –

इस्लाम मजहब में ईद उल फितर का त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह त्यौहार बहुत सारी खुशियां लेकर आता है और हमे सही रास्ता भी दिखाता है। ईद उल फितर लोगों में सच्चाई तथा भाईचारा बनाने की कोशिश करती है।

ईद-उल-फितर का एक अलग वैज्ञानिक महत्व भी है। मुस्लिम रमजान के महीने में पुरे महीने 30 दिन के रोजे रखते है जिससे उनके शरीर को जरूरी न्यूट्रिशन नहीं मिल पाता जिससे उनके अंदर के सारे कीटाणु खत्म हो जाते है और खजूर खाने से शरीर में जरूरी पोषक तत्व का निर्माण होता है और शरीर जल्दी स्वस्थ होता है।

ईद-उल-फितर के दिन मुसलमान जरुरतमंदो को पैसे खाना और अन्य जरूरी चीजें दान में देते हैं। दान को मुसलमान जकात और फितरा भी कहते है।

यह ईद का त्योहार कैसे मनाते हैं?

ईद से कई दिन पहले ही लोग जोरो शोरो से तैयारियां करने लग जाते है घरो की सफाई करते है है। बाजारों में कपडे,कुरता-पजामा ,टोपी, इतर, चूड़ियाँ,जूते और अपनी पसंद का सामान खरीदने जाते है और मकानों को सजाते है। ईद का चाँद दीखते ही हर तरफ रौनक और चहल पहल सी हो जाती है। चाँद देख कर महिलाये मेहँदी लगाती है। बच्चो की ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं होता है।

मीठी ईद के दिन सभी मर्द सुबह जल्दी उठ कर नहा धोकर ईद की नमाज़ के लिए ईदगाह जाने की तैयारी करते है। नया कुरता पहन कर टोपी और इत्र आदि लगाकर ईदगाह जाते है नमाज़ अदा करने से पहले जकात या फितरा देते है और उसके बाद सभी एक साथ ईद की नमाज़ अदा करते है। इस दिन हर मस्जिद में ईद की नमाज़ का अलग ही दृश्य देखने को मिलता है। कुछ लोग ईदगाह में भी नमाज़ पढ़ने जाते है। ईदगाह में ईद की नमाज़ के लिए बहुत भीड़ लगी होती है, इतनी भीड़ होती है की लोग सडको पर नमाज़ अदा करते है। नमाज़ अदा हो जाने के बाद सभी एक दूसरे के गले लगकर ईद की मुबारकबाद देते है।

हिन्दू मुस्लिम सभी एक दूसरे के गले लगते है और भाईचारे और एकता का पैगाम देते है। इस दिन हर जगह खुशियों भरा मौसम होता है। सभी घरो में इस दिन सिवईयें और तरह तरह की मिठाई बनाई जाती है और सभी एक दूसरे के घर मिठाई खाने और मुबारकबाद देने जाते है।

इस दिन बच्चों की खुशियों का ठिकाना नहीं रहता है। बच्चे ईद के दिन जल्दी उठ कर नए कपडे पहन कर तैयार होकर सबसे मिलने जाते है। इस दिन बच्चों को सभी ईदी और गिफ्ट देते है। ईदी लेकर बच्चे मेले में जाते है और खिलोने लेकर आते है और इस तरह ईद का त्यौहार बच्चों के लिए खुशिया लेकर आता है।

2021 में भारत में ईद उल फितर कब है –

ईद का इंतज़ार बच्चे, बड़े, बुजुर्ग सभी बेसब्री से करते है। ऐसे में सब ये जानने के लिए उत्सुक रहते है, की इस साल ईद कब है। ईद का त्यौहार वैसे तो चाँद दिखने के एक दिन बाद मनाया जाता है इसलिए यह रमजान के ३० दिन के रोज़े ख़त्म होने के बाद ही सही तारीख या ईद का पता लगा सकते है इसलिए ईद Wednesday 12 May, Thursday 13 मई, Friday 14 मई इन तीनो दिनों में से किसी एक दिन मनाई जा सकती है।

एक अनुमान के अनुसार अगर चाँद एक दिन पहले यानि की 13 मई 2021 गुरुवार को दिख जाता है तो ईद 14 मई 2021 शुक्रवार को मनाई जा सकती है। अगर ईद 14 मई शुक्रवार के दिन नहीं होती हे तो इन तीनो दिनों में से किसी एक दिन ईद का त्यौहार मनाया जाएगा।

FAQ –

ईद का त्यौहार कब मनाया जाता है?

रमजान के 30 रोजो के बाद।

ईद का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

रमजान के 30 रोजे पुरे होने की ख़ुशी में।

रमजान के कितने रोजो के बाद ईद आती है?

30 रोजो के बाद।

ईद का मतलब क्या है?

खुशी, जश्न।

बोहरा समाज की ईद कब है 2021

13 मई 2021

Shayari Talk के आखरी शब्द –

इस लेख में हमने ईद उल फितर पर हिंदी में निबंध पेश किया है जिसके जरिये आप ईद से जुडी सारी जानकारी और ईद से जुडी बाते जान पाएंगे । आशा है इस लेख से आपको ईद उल फितर की जानकारियां मिल गई होगी । यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बताये और इसे जरुर शेयर करें।

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