नए इसरो चीफ़ डॉ एस सोमनाथ जीवन परिचय | Dr S. Somanath ISRO Chairman Biography, Chandrayaan 3

चीफ़ डॉ एस. सोमनाथ की बायोग्राफी कौन है, इनका पूरा नाम क्या हैं, इनका जीवन परिचय, इनका योग्यता, इनका इसरो के संबंध हैं, इनकी एजुकेशन क्या हैं, इनकी सैलरी ओर फॅमिली बैकग्राउंड सब कुछ हम इस पोस्ट मे बताने वाले हैं अगर आप को अच्छा लगे तो शेयर जरूर करे…(Dr S. Somanath Biography, Somanath Full Name, ISRO Chairman, Somanath Wife, Somanath Family, Somanath Qualification, S. Salary, Somanath Net Worth, Chandrayan-3, S. Somanath History)

डॉ. एस सोमनाथ भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण प्रयासों में एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में खड़े हैं। साधारण शुरुआत से लेकर विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक और बाद में इसरो के तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) के निदेशक बनने तक की उनकी यात्रा अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय रही हैं। उस के बाद 15 जनवरी 2022 को भारतीय एयरोस्पेस इंजीनियर, रॉकेट टेक्नोलॉजिस्ट और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का अध्यक्ष बनाया गया है।

चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission)

Dr S. Somanath ISRO Chairman Biography,  History

चंद्रयान-3 मिशन चंद्र अन्वेषण के क्षेत्र में भारत के प्रवेश का प्रतीक है, जिसका लक्ष्य अपने पूर्ववर्ती मिशनों, चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 की सफलता को आगे बढ़ाना है। यह मिशन चंद्रमा के रहस्यों को जानने और पृथ्वी से परे ग्रह पिंडों के बारे में हमारी समझ का विस्तार करने ओर हमारी खोज में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है।

कौन हैं एस एस सोमनाथ (Who is S. Somanath)

ISRO मे एस. सोमनाथ एयरोस्पेस इंजीनियर और रॉकेट टेक्नोलॉजिस्ट हैं इसरो के चीफ एस सोमनाथ का जन्म जुलाई 1963 को केरल के अरूर गाँव में हुआ था। इनका असली नाम सोमनाथ श्रीधर पनिकर हैं। इन्हें अधिकतर सोम नाम से पुकारा जाता है, एस सोमनाथ जी के पिता का नाम श्रीधर पनिकर हैं ओर यह पेशे से एक अध्यापक की पोस्ट पर हैं। ओर इनकी माता का नाम थैक्म्मा हैं जो कि एक गृहणी महिला हैं।

एस सोमनाथ का पूरा नाम क्या हैं  (S. Somanath Full Name)

एस सोमनाथ का पूरा नाम श्रीधर पाड़ीकर सोमनाथ है और लेकिन इन्हे सभी एस सोमनाथ कहकर बुलाते हैं।

पूरा नामसोमनाथ श्रीधर पणिकर
व्यवसायएरोस्पेस इंजीनियर व रॉकेट वैज्ञानिक
पदइसरो के नए उध्यक्ष
कार्यकाल की शुरुआत15 जनवरी 2022 से अगले तीन वर्ष
जन्म ओर स्थानजुलाई 1963, अरुर, अलपुझा
उम्र60 साल (2022)
स्कूलसेंट अंगस्टाइन
कॉलेजमहाराजा कॉलेज , टिकेएम कॉलेज, क्विलोन
शैक्षणिक योग्यताएरोस्पेस & मैकेनिकल इंजीनियरिंग
नागरिकताभारत
धर्महिन्दू
जातिब्रमलयाली
रुचिफ़िल्म देखना
पिता का नामश्रीधर पणिकर
माता का नामथांकम्म
पत्नीवलसाला सोमनाथ
बेटामाधव सोमनाथ
बेटीमालिका सोमनाथ
वेतन₹2.5 लाख /प्रति महीना

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Life and Education)

जुलाई 1963 अरूर, अलाप्पुझा, केरल मे जन्मे डॉ. एस सोमनाथ के प्रारंभिक जीवन ने उनके शानदार करियर की नींव रखी।

उन्होंने अपनी शिक्षा एस सोमनाथ ने सेंट ऑगस्टीन हाई स्कूल, अरूर में हासिल की, उसके बाद 1980 से 1985 के मध्य महाराजा कॉलेज, एर्नाकुलम में प्री डिग्री प्रोग्राम को किया।

एस सोमनाथ ने टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, कोल्लम, केरल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक (बीटेक) की डिग्री भी प्राप्त की।

उन के जीवन मे अहम किरदार रखने वाली भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग 1994 से 1995 के बीच में मास्टर डिग्री ( एम टेक) हासिल की। जहां उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति गहरा आकर्षण विकसित किया। उनकी शैक्षणिक यात्रा ने उन्हें अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से सुसज्जित किया।

एस सोमनाथ ने अपनी स्नातक की पढ़ाई के पूरी करने के बाद विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र और 15 जनवरी 2022 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में अपनी काबीलीयत के बल से जुड़ गए।

डॉ. एस सोमनाथ ने उन्हें इसरो के विभिन्न केंद्रों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाते हुए देखा। वीएसएससी के निदेशक के रूप में, उन्होंने प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। एलपीएससी में उनके नेतृत्व ने प्रणोदन प्रणाली और ईंधन प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के प्रति उनके समर्पण को रेखांकित किया। विभिन्न उपग्रह प्रक्षेपण मिशनों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका ने जटिल इंजीनियरिंग चुनौतियों से निपटने और मिशन की सफलता सुनिश्चित करने की उनकी क्षमता को प्रदर्शित किया।

परिवार और विवाह (Family and Marriage)

इसरो के नए अध्यक्ष एस सोमनाथ का नाम देश के उच्चतम वैज्ञानिकों में शुमार होता हैं उन का विवाह वलसाला सोमनाथ से हुआ, वलसाला सोमनाथ पेशे से गुड्स एंड सर्विस टेक्स (GST) में एक अधिकारी हैं।

सोमनाथ के दो संतान हैं। एक बेटा ओर एक बेटी। बेटे का नाम माधव और बेटी का नाम मलिका हैं। दोनों बेटा ओर बेटी इंजीनियरिंग में मास्टरी कर चुके हैं।

एस सोमनाथ सम्मान और पुरस्कार (S Somnath Honors and Awards)

  1. एस्ट्रोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (एएसआई) की ओर से स्पेस गोल्ड मेडल से नवाजा गया।
  2. इसरो से जीएसएलवी एमके-III सफल प्रक्षेपण हेतु उत्कृष्टता पुरस्कार-2014 और टीम उत्कृष्टता पुरस्कार-2014 से नवाजा गया।
  3. इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स (IAA) के संवाददाता सदस्य से नवाजा गया।
  4. इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (INAE) के सदस्य से नवाजा गया।

डॉ. एस सोमनाथ का करियर (Career of Dr. S. Somnath)

एस सोमनाथ 1985 में इसरो में शामिल हुए और तब से उन्होंने एलपीएससी और वीएसएससी में प्रोजेक्ट मैनेजर-पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी), स्ट्रक्चर्स एंटिटी/प्रोपल्शन एंड स्पेस ऑर्डनेंस एंटिटी के उप निदेशक और जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सहित कई पदों पर काम करना शुरू किया।

वह अपने प्रारंभिक चरण के दौरान पोलर सैटेलाइट लॉन्चर्स (पीएसएलवी) परियोजना से जुड़े थे और नवंबर 2014 तक प्रोपल्शन एंड स्पेस ऑर्डनेंस यूनिट के उप निदेशक रहे।

जून 2015 में, उन्होंने प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर के निदेशक के रूप में काम करने के लिए कहा, लॉन्च वाहन और अंतरिक्ष यान कार्यक्रमों के लिए प्रोपल्शन सिस्टम के डिजाइन और कार्यान्वयन की जिम्मेदारी संभाली।

एसएस सोमनाथ पहले विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) से निदेशक के रूप में जुड़े थे। वित्तीय प्रक्षेपण डिजाइन और कार्यान्वयन के लिए इसरो का प्रमुख केंद्र है।

वेतन (Salary & Networth)

इसरो के नए चीफ को प्रतिमाह जो वेतन मिलता हैं वह हैं ढाई लाख रु (2.5 लाख), वेतन ले अलावा कुछ ओर सुविधाएं, भत्ते भी दिये जाते हैं।

सैलरी (Salary)₹2.5 लाख
नेटवर्थ (Networth)₹1-2 करोड़ (लगभग)

इसरो अध्यक्ष लिस्ट

नेतृत्व और दूरदर्शिता (Leadership and Vision)

डॉ. सोमनाथ का नेतृत्व तकनीकी विशेषज्ञता से कहीं आगे तक फैला हुआ है। उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके मार्गदर्शन में, इसरो ने नवीन अवधारणाओं और सहयोगों को अपनाया है, जिससे भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित हुआ है। टिकाऊ और लागत प्रभावी समाधानों पर उनके जोर ने अंतरिक्ष अभियानों के दृष्टिकोण में क्रांति ला दी है।

चंद्रयान-3 मिशन में डॉ. एस सोमनाथ का नेतृत्व विशेष रूप से स्पष्ट है। उनकी रणनीतिक कुशलता और सीमाओं को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता ने मिशन के विकास को प्रेरित किया है। चंद्र अन्वेषण के लिए उनका दृष्टिकोण भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी क्षितिज के विस्तार के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।

एस सोमनाथ हमारे लिए प्रेरणा (S Somnath an Inspiration for Us)

भारत के अंतरिक्ष परिदृश्य में एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में, डॉ. एस सोमनाथ की उपलब्धि में से एक है। एक भावुक छात्र से एक दूरदर्शी वैज्ञानिक नेता तक की उनकी यात्रा ने न केवल इसरो की क्षमताओं को बदल दिया है, बल्कि भारत के अंतरिक्ष प्रयासों में राष्ट्रीय गौरव और आत्मविश्वास की भावना भी पैदा की है। उनका नेतृत्व देश में अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रक्षेप पथ को आकार मे अहम भूमिका रखता हैं।

आखरी शब्द

चंद्रयान-3 मिशन और डॉ. एस सोमनाथ की जीवनी एक-दूसरे से जुड़कर नवीनता, दूरदर्शिता और समर्पण ओर उची सोच दर्शाते हैं। उनकी प्रभावशाली जीवनी मानवीय जिज्ञासा की शक्ति और अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में अटूट जुनून और नेतृत्व से उत्पन्न उल्लेखनीय उपलब्धियों को दर्शाती हैं।

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FAQ

इसरो के वर्तमान अध्यक्ष कौन है

सोमनाथ वर्तमान मे इसरो के अध्यक्ष बनाए गए हैं।

चंद्रयान-1 के समय इसरो के अध्यक्ष कौन थे

श्री जी. माधवन नायर चंद्रयान-1 के समय इसरो के अध्यक्ष कार्यरत थे।

इसरो की स्थापना कब हुई?

15 August 1969 इसरो की स्थापना हुई।

डॉक्टर सोमनाथ कौन है?

डॉक्टर सोमनाथ इसरो साइंटिस्ट और इसरो के नए और दसवें वर्तमान अध्यक्ष है।

इसरो के पहले अध्यक्ष कौन थे।

1969 मे विक्रम साराभाई इसरो के पहले अध्यक्ष थे।

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