विक्रम बेताल की आठवीं कहानी सुकुमार कौन था?

विक्रम बेताल की कहानी: सबसे अधिक सुकुमार कौन? - बेताल पच्चीसी आठवीं कहानी
विक्रम बेताल की कहानी: सबसे अधिक सुकुमार कौन? - बेताल पच्चीसी आठवीं कहानी

सुकुमार कौन था?: कहानियों में कहानियां विकर्म बेताल की कहानिया में आपका एक बार फिर से स्वागत हे हम लेकर आये हे एक और मजेदार कहानी | महाराज विक्रमादित्य अपने कंधे पर उस बेताल को लेकर फिर से चल देते हे और , लेकिन फिर से बेताल एक नही कहानी सुनाने लगता हे महाराज विक्रमादित्यके हाथों से निकल जाता हे । एक नई कहानी सुनाता हे महाराज को…. एक समह की बात है, सुंदरनगर नाम का एक राज था और उस राज में एक चम्बा करके एक गांव था|

उस गांव में एक वैश्णव रहता था और उसके परिवार में पांच लोग अपनीधर्मपत्नी और तीन बेटों के साथ वह रहता था। एक बार वैश्णव ने अपने तीनों बेटों के साथ गर में बैठा हुआ होता हे और वह विचार करके अपने तीनो बेटो को बोलता हे की हमारे मंदिर में पूजा के लिए कमल के फूल अब हमारे सरोवर में ख़त्म हो गए हे और अब नहीं आ रहे हे | हम एक काम करते हे सागर तट के पास जाकर उसमे से कुछ लेकर हमारे सरोवर में लगा देते हे जिसे हमे कमल के फूल की कमी नहीं होगी।

वह अपने बेटो को पास में बुलाता हे और कहता हे की तुम तीनो सागर तट के पास जाओ और कमल की जड़ और कुछ फूल लेकर आना |तीनों बेटे अपने पिताश्री को हां देते हे और दूसरे सुबह वह तीनों अपने माता-पिता को बता कर कर सागर की ओर निकल पड़ते हे ।वे तीनो सागर तट पर पहुंचकर देखते हे की सागर में बहुत कमल के फूल खिले हुए होते हे वे बहुत खुश होते हे , वे तीनो एक दूसरे की और देखते हे ओर मन ही मन मे विचार करते हे की वह लेकर आ जाये ठीक हे मेरे कपडे खराब नहीं होंगे में गन्दा नहीं होऊंगा | लेकिन उन तीनों में से कोई भी सागर केअंदर नहीं जाता हे और तीनो खड़े रहते हे। उस को फूल लाने के लिए कोई नहीं तैयार नहीं होता।

उन तीनो में से सबसे बड़ा बोलता हे की, “मैं कमल के फूल वह जड़ को नहीं लाउगा,मुझे तो कीचड़ की गंदी बदबू लग रही है।” मजला नबंर का बोलता हे और कहता, “मैं भी कमल के फूल वह जड़ को नहीं लाऊंगा, मुझे तो इस सागर के कीचड़ में जाने से डर लग रहा है। ” सबसे छोटे वाले की बारी आई, तो वह बोलता हे , “मैं भी कमल के फूल वह जड़ को नहीं ला सकता, मैं बहुत छोटा वह नाजुक हूं।

तीनों में वही तू-तू में-में शुरू हो जाती हे और यह बहुत बढ़ जाती हे और इतनी हो जाती हे की राज के राजदरबार तक पहुंच जाती हे। महाराज भी बात सुन के हैरान हो जाते हे | महाराज ने कहते हे, “इस प्रकार की समस्या मेने मेरी जिंदगी में कभी नहीं देखि है,और मेने ऐसा पहली बार सुना हे इस बात का फैसला अब मैं सुबह अपनी राजसभा में करूंगा। हमारे यहां आज तुम अतिथि हो, इसलिए आप आज भोजनग्रहण कीजिये और विश्राम भी यही पर ही करे।”यह सारी बात बोलकर राजा उन तीनोंलड़को को भोजनग्रहण के लिए बोलता हे ओर निमंत्रण देता हे । ओर वे सभी बैठकर आराम से बड़ेमस्त होकर भोजनग्रहण करते हे, लेकिन उन तीनो में से सबसे बड़ा वाला भोजनग्रहण नहीं करता हे।

राजा बड़े वाले से जब उससे पूछता हे तो बड़ा वाला कहता हे की, “भात में से में जले हुए मुर्दे की बाश आ रही है।” राजा ने जब इस बात का पता करवाया तो उसे किये गए पते से ज्ञात हुआ कि भात किसी मशान के पास के खेत से लाए हुए हैं।राजा यह देखकर बहुत खुश हुआ। इस को तो ज्ञान हे इस बात का|

राजन वह सभी लोग भोजनग्रहण कर शाम को अपने संगीतमहल में जाते हे | संगीतमहल में जाने के बाद सभी संगीत सुनने के लिए बैठ जाते हे । तो मजला लड़के ने महाराज से प्रार्थना कि वो ढपली बजाना चाहता है। महाराज की आज्ञा से वो ढपलीवाली के पास जाकर जैसे आसनगहन किया, तो वह तुरंत उठखड़ा होकर दूर बैठ जाता हे । महाराज ने उस से उठने होने का कारण जाना , तो दूसरे मजला के कहता हे की , “ढपलीवाली से भेड़ के दूध की स्माइल आ रही है | और पसंद नहीं है मुझे।” इस बात का भी जब राजा ने अपने सेवक से पता करवाया , तो महाराज को मालूम चला इसको जन्म में ढपलीवाली को भेड़ का दूध पिलाया जाता था। राजा फिर एक नई बात जान कर फिर से आनंद हो जाते हे।

विक्रम बेताल की आठवीं कहानी सुकुमार कौन था?

इसके बाद सभी अपने अपने कश में सोने के लिए चले जाते।दोनों बड़े लड़के आराम से सो जाते हे , लेकिन छोटेवाले लड़के को नींद नहीं आ रही होती थी। वह इधर उधर थाल खा रहा होता हे | राजा ने अपने सेवादार को हुक्म दिया कि जाकर उन तीनों लड़को को देखकर आओ कि वे क्या कर रहे हे और नीद निकाल रहे हे या नहीं। सेवादार तीनो को कश में देकने जाता हे वह उन तीनो को देकता हे ओर वह देखता हे की सबसे छोटे वाला नहीं सो रहा हे बड़े वाले दोनों सो गए हैं।सेवादार आकर महाराज को साडी बात बताता हे | ओर महाराजा इसका कारण जानने के लिए उन के कश की ओर खुद चल कर वह जाते हे ओर वहां पहुंच जाते हे।

जहां वे तीनोंभाई सो रहे होते हे | राजा को उनके कश में देखकर तीनोंभाई उठकर बैठे जाते हे । महाराज ने छोटे वालेलड़के से पूछा बताओ की , “आपको इस जगह नींद क्यों नहीं आ रही क्या हुआ कोही परेशानी हे क्या ?” तब वह छोटावाला बोला की महाराज , “मुझे इस रेशमजैसे सोने वाले बिस्तर पर कुछ निचे चुभ रहा है और में अपनी नीद नहीं निकल प् रहा हु ।”महाराज अपने सेवादार को बोलते हे की इन तीनो के बिस्तर चेक किये जाये अभी | महाराज की बात सुनते ही वह सेवादार उन तीनोंलड़को को बिस्तर से एक तरफ जाने को बोला ओर उनके बिस्तर की छान-बीन करता हे।

पहले सबसे बड़ेवाले करता हे उसके बाद मजले के करता हे उसे उनके बिस्तर में कुछ नहीं मिलता हे। तब वह सबसे छोटेवाले के बिस्तर को अलग किया और वहां उसके बिस्तर में देखता हे उसे एक बाल मिलता हे। छोटे वाला अपना शर्ट उताकर महाराज की तरफ पीठ करके खड़ा हो जाता हे , सब देखते हे की उस बाल का निशान उसकी पीठ पर खुदा हुआ होता हे। महाराज यह नजारा देखकर हैरानी में पड़ जाते हे ओर मन ही मन में बहुत खुश होते हे| अगले दिन महाराज अपने राजमहल के न्यायःभवन मे उन तीनो लड़को को बुलाते हे। महाराज उन तीनो में से सबसे छोटे वाले को हीरे देते हे और बाकी दोभाइयो को एक-दो सोने के सिक्के देते हे । महाराज उन तीनो से कहते हे की, “तुम तीनो भाइयो में खूबी है अलग -अलग तरह की | और मैं आप तीनोंभाइयो से बहुत ही प्रसन्न खुश हूं।

मैं अपने राज के सेवादार को भेजकर कमल के फूल वह उसकी जड़ को मँगा लेता हु आपके घर भिजवा देता हु।”इतनी कहानी सुना कर बेताल ने राजन से पूछा हे की बताओ , “उनतीनों में से सबसे अधिक सुकुमार कौन था ?” थोड़ी देर राजन चुप रहते हे ओर मन में विचार करते हे की मेने कुछ बोला तो फिर से उड़ जायेगा ये | इतनी देर में फिर बोल पड़ता हे बेताल की जल्दी बताओ वरना गर्दन कटी | तब राजनबोलते हे की , “सबसे छोटा, इसलिए हो सकता है कि बड़े भाइयों ने अपनी योग्यता राजा को खुद बताई अपने सुकुमार होने का दिखावा किया, लेकिन सबसे छोटेवाला कितना सुकुमार है यह तो राजन ने खुद अपनी आंखों से देखा।” महाराजविक्रम का जबाब सुनकर बेताल उनकी प्रसनता करता हे ओर कहता की आप फिर बोले आपको पता की हमारी अपनी शर्त क्या हे | इतना कहते ही बेताल उड़ के पास के पेड़ पर जाकर फिर से उल्टा लटक जाता। राजन फिर से उसे लेने के चल देते हे ओर उसे निचे उतारकर अपने कंधे पर लादकर चल देते हे | तभी बेताल कहता हे की राजन आप को इस मार्ग में भी एक कहानी सुनाता हु सुनो।

सुकुमार कौन था कहानी से सीख: मानव को अपने गुणों का बखान खुद नहीं करना चाहिए।

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