Sunday, April 2, 2023
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विक्रम बेताल की कहानी बेताल पच्चीसी – रिश्ता क्या हुआ?

रिश्ता क्या हुआ? राजा विक्रम कई प्रयास करने के बाद फिर बेताल को एक बार पकड़ लेते हैं और लेकर श्मशान की ओर चल देते हैं। मार्ग बड़ा होने के कारण वह फिर से हर बार की तरह राजा को एक ओर नई कहानी सुनने को बोलता हे ओर बेताल नई कहानी शुरू करता है।

बेताल बोला सुनो राजा …. बहुत वर्षों पहले की एक बात है। एक मांडल करके एक राज्य हुआ करता था । उस मांडल राज्य मे भीम नाम का राजा का शासन करता था। उसकी एक खूबसूरत वह सुन्दर धर्म पत्नी और एक लड़की थी। राजा की धर्म पत्नी का नाम कुसुम और उसकी बेटी का नाम भगवती ती था। जब भगवती समय के साथ बड़ी हुई और उसके शादी का समय हुआ, तो राजा भीम के करीबियों दुश्मनों ने राज्य पर चुपके से आक्रमण करके उनका राज्य उन से हड़प लिया और राजाभीम को उसके परिवार के सहित उस राज्य से बाहर निकाल दिया।राजा अपनी धर्म पत्नी कुसुम और बेटी भगवती के साथ मालवदीव देश की ओर चले गये , जो उसकी धर्म पत्नी कुसुम के पिता जय का राज्य था। जब चलते-चलते रात होने लगी, तो उन्होंने रात वन में गुजारने का निर्णय किया।

विक्रम बेताल की कहानी बेताल पच्चीसी रिश्ता क्या हुआ?

राजा ने धर्म पत्नी और बेटीभगवती से कहा कि तुम दोनों जाकर वन में कहीं पर छिप जाओ, क्योंकि यह इलाका पास के भीलों का है। वह रात को आकर तुम दोनों को परेशान वह तंग कर सकते हैं। राजा की बात पर धर्मपत्नी कुसुम और बेटी भगवती जंगल में जाकर कही छिप जाती हैं। फिर थोड़ी देर के बाद भील राजा के ऊपर हमला कर देते हैं। राजा उनसे बड़ी बहादुरी के साथ उन भीलों से मुकाबला करता है, लेकिन वह भील बहुत होने के कारण वे राजा को मार देते है।फिर भीलों के वहा से निकल जाने के बाद जब पत्नी कुसुम और बेटी भगवती निकलकर बाहर आती है, तो वो देखती हे तो राजा उनको मरा हुआ मिलता हैं।

राजा के शरीर को देख दोनों माँ -बेटी बहुत दुखी वह रोती हैं। राजा की मृत्यु का शोक मनाते हुए दोनों मां-बेटी एक पास में तालाब के किनारे पर पहुंचती हैं।तभी एक कल्याणमल नाम का एक धनवान अपने बेटे के साथ वहां से निकल रहा था। उसे मार्ग में दो ओरतों के पैरों के पदचिन्ह दिखाई देते हैं। उनको देखकर धनवान ने अपने पुत्र से कहा, “अगर ये दोनों ओरते हमे मिल जाएं, तो जो तुमको अच्छी लगे उस से तुम चाहो तो शादी कर सकते हो।”अपने पिता की यह बात बेटा सुनकर कहता है, “छोटे पदचिन्ह वाली पिता जी उम्र भी उसकी कम होगी। इसलिए, मैं शादी करूंगा तो छोटे पदचिन्ह वाली से ही। आप बड़े पदचिन्ह वाली से नई शादी कर लेना।” शादी करने की धनवान की इच्छा नहीं थी, लेकिन वह अपने बेटे के बार-बार कहने पर धनवान राजी हो जाता है।

25वीं विक्रम बेताल की कहानी

वो दोनों खुशी से उन पदचिन्ह के निशान वाली ओरतों को ढूंढने में लग जाते हैं।दोनों जब उन ओरतों को ढूंढते-ढूंढते वह भी तालाब के पास जाते हैं, तो उनको वो दोनों सुन्दर ओरते दिखाई पड़ती हैं। धनवान आगे जाकर उन दोनों ओरते से बात करता ओर परिचय पूछता है, तो राजा की रानी कुसुम उनकी सारी आपबीती धनवान को सुना देती हैं।

रानीकुसुम की बात सुनकर धनवान दोनों माँ-बेटी को अपने घर सहारा देने के लिए ले आता है। संयोग से रानी कुसुम के पाव छोटे और बेटी भगवती के पाव बड़े थे। इसलिए, धनवान का बेटा रानी कुसुम से और धनवान बेटी भगवती से शादी कर लेते है। बाद मे जाकर उन दोनों को संतान पैदा होती हैं।

बेताल पच्चीसी – रिश्ता क्या हुआ?

बेताल राजा से पूछता है, “बता राजा विक्रम आपस में रिश्ता अब इन दोनों बाप -बेटे की संतानों का क्या होगा?” बेताल के इस सवाल से राजा विक्रम भी गंभीर सोच में पड़ जाता है। बहुत देर तक सोच विचार करने के बाद भी राजा को सही जवाब नहीं मिल रहा था । इसलिए, राजा चुपचाप आगे चलता रहता है।बहुत देर बाद बेताल कहता है, “राजा , अगर आपको इसका सही जवाब नहीं पता हे , तो तुमको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। मैं तुम्हारे इस साहस और धीरजसहन से खुश हूं।

मैं इस मुर्दे के शरीर से निकल जाता हूं और तुम योगी के पास इस मुर्दे को अपने वादे के अनुसार ले जा सकते हो, लेकिन इस बात का ध्यान वह याद रहे योगी अगर तुमको अपना सिर झुकाकर प्रणाम करने को कहे इस मुर्दे को, तो तुम योगी से कहना कि आप करके दिखाएं मुझे एक बार कि करना कैसे है। जब वह योगी अपना सिर निचे झुकाएं, तो तभी आप अपनी तलवार निकल कर उसका सिर काट लेना। योगी का सिर काटकर तुम इस संसार के महान चक्रवर्ती सम्राट बनोगे। वहीं, अगर तुमने योगी का सिर नहीं काटा, तो वह तुम्हारी बलि देगा औरअपनी सिद्धि को प्राप्त कर लेगा।”इतना राजा को कहते ही बेताल ने उस मुर्दे का शरीर त्याग दिया और राजा विक्रम उस मुर्दे का शरीर लेकर वह उस योगी पुरुष के पास पहुंच जाते हैं।

विक्रम बेताल की कहानी रिश्ता क्या हुआ से सीख:

बिना कोई तथ्य को जाने कभी फैसला नहीं लेना चाहिए। वरना बहुत बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।

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