Sunday, April 2, 2023
Homeहिंदी कहानियांविक्रम और बेताल की कहानी - राजा या सेवक किसका काम बड़ा?

विक्रम और बेताल की कहानी – राजा या सेवक किसका काम बड़ा?

राजा या सेवक- किसका काम बड़ा? रत्नावती नाम की एक नगरी हुआ करती थी उस नगरी में अग्रसेन नाम का राजा राज्य करता था और राजा की सेवा करने के लिए दूसरे देश से एक राजकुमार आता है राजकुमार राजा से मिलने की बहुत बार कोशिश करता है। लेकिन उस राजकुमार को कभी मौका भी नहीं मिलता हे मिलने का वह दुखी होता हे, राजकुमार की राजा से मुलाकात नहीं होती है और राजकुमार अपने साथ जो कुछ भी लेकर आता है वह सब बराबर हो जाता है।

राजकुमार राजमहल के बहार रोज मिलने की उम्मीद लगाए रहता हे की एक दिन आएगा राजा मिलेंगे | एक दिन राजा शिकार करने के लिए जंगल की ओर जाते हैं और राजकुमार भी उनके पीछे पीछे चल देता है दूर जंगल में जाने के बाद राजा के साथ आए सभी सैनिक राजा से अलग हो जाते हैं। राजा जब पीछे देखता है तो उसके सैनिक नहीं दिखते है और राजकुमार दिकता है।

राजकुमार राजा को रुकने के लिए कहता है।राजा ने उसकी ओर देख कर बोला की तुम इतने कमजोर कैसे हो सकते हो?राजकुमार बोलता है कि सुनो महाराज- इसमें दोष मेरे कर्म का है। मैं जिस महान राजा के पास रहता हूं उनकी नजर मेरी तरफ नहीं जाती है और वहां पूरी प्रजा को पालते हैं।महाराज आदमी को हमेशा छ: बातें कमजोर करती है।बुरे व्यक्ति की संगत, बिना कारण हंसना, नारी से झगड़ा करना, बुरे आदमी की सेवा करना, सवारी करना गधे, और संस्कृत भाषा की कमी।और यह पांच लेख मनुष्य के जन्म देने के साथ विधाता उसके भाग्य में लिख देते हैं।उम्र, कर्म, दौलत ,ज्ञान,यस। जब आदमी का अच्छा समय चल रहा होता है तो उसके बहुत यार मित्र बन जाते हैं। जब आदमी का बुरा समय शुरू होता है तो उसका भाई भी उसका दुश्मन बन जाता है। पर एक बात है कि हम जो भी सेवा पुण्य करते हे वह कभी निर्थक नही जाती हैं।

विक्रम और बेताल की 23वीं कहानी

उसका पुण्य हमें कभी ना कभी अवश्य मिलता है।यह बात सुनकर राजा के मन में बहुत गहरा असर होता है। और राजा वहां पर घूम घुमा कर उसको साथ लेकर राजमहल में लेकर आते हैं और उसे अपने यहाँ सेवा करने के लिये रख लेते हैं। और उसे अच्छे वस्त्र और धन दौलत देते हैं।एक दिन राजकुमार अपने किसी काम से राजमहल से बाहर जाते हैं और रास्ते में उनको एक मंदिर दिखाई देता है राजकुमार मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं और देखते हैं कि मंदिर किसी देवी मां का होता है राजकुमार वहां पर पूजा पाठ करके दर्शन करके बाहर आते हैं और देखते हैं कि उनकी तरफ एक सुंदर अप्सरा आ रही होती है।

राजकुमार उस अप्सरा को देखकर मोहित हो जाते हे ओर वह अप्सरा करती है – ” तुम जाकर और उस कुंड में पहले स्नान करके आ जाओ फिर जो तुम कहोगे वह करूंगी “।उस अप्सरा की बात सुनकर राजकुमार उस कुंड की तरफ स्नान करने चल पड़ते हैं और कपड़े उतार कर उस कुंड में कूद जाते हैं और सीधा अपने राजमहल में चले जाते हैं। राजमहल में पहुंचते ही वह राजा के पास जाता है और राजा को पूरी कहानी सुनाता है राजा आश्चर्यचकित हो जाता है।

राजा उस राजकुमार से कहता है कि मुझे भी दिखाओ यह कैसे हुआ?राजा और राजकुमार दोनों अपने घोड़े पर सवार होकर उससे मंदिर की ओर चल देते हैं और मंदिर जाकर देवी मां की पूजा अर्चना करते हैं और मंदिर से बाहर आते हैं और देखते हे की एक सुंदर अप्सरा खड़ी होती है उनके पीछे।

विक्रम बेताल की कहानी राजा या सेवक किसका काम बड़ा

राजा को देखकर अप्सरा कहती है कि महाराज में आपके सुंदर रूप पर मुग्ध हो चुकी हूं। ” आप जो कहोगे वह करने को तैयार हू “। अप्सरा राजा की तरफ देखते हुए कहती हे | राजा उस अप्सरा से कहते हे की – ” अगर यह बात है तो तुझे मेरे इस अंगरक्षक से विवाह करना होगा “।अप्सरा राजा से कहती है – ” महाराज ये संभव नहीं हे ओर कभी नहीं हो सकता है। मेने तो आपको चाहा हे और आपको पसंद करती हूं।राजा उस अप्सरा से कहते हे और बोलते हे की , ” महानव्यक्ति की बातो का तुम्हे अनुशरण करना चाहिए जो कहते हैं उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए। तुम्हें अपने दिए गए वचन पर ध्यान देना होगा और उस का पालन करना चाहिए।और उसके बाद राजा ने उस अप्सरा से अपने अंगरक्षक का विवाह करा दिया।

यह कहानी सुना कर बेताल राजा विक्रमादित्य को कहता है कि – ” महाराज बताओ कि अंगरक्षक और राजा में किसका काम बड़ा था ” ?कुछ देर विक्रमादित्य चुप रहते हैं और कुछ नहीं बोलते हैं तभी बेताल कहता है जल्दी बताओ वरना तुम्हारे हाथ काट दूंगा और विक्रमादित्य जल्दी से उसका जवाब देते हैं।

महाराज विक्रमादित्य कहते हैं कि – अंगरक्षक का। बेताल कहता है कि – कैसे बताओ?विक्रमादित्य कहते हैं – राजा का परम धर्म होता है कि उपकार करना और इसमें कोई बड़ी बात नहीं है कि राजा ने उपकार किया।लेकिन जिसका धर्म नहीं था उपकार करना उसने उपकार किया इसलिए।बेताल राजा का जवाब सुनकर फिर से उड़कर पेड़ की डाल पर लटक जाता है और राजा फिर उस पेड़ की तरफ जाते हैं और बेताल को उतारकर अपने साथ कंधे पर टांग कर चल पड़ते हैं और बेताल राजा को फिर से एक कहानी सुनने को कहता है।

विक्रम और बेताल की कहानी राजा या सेवक किसका काम बड़ा? कहानी से सीख मिलती है?

उपकार करना ही सबसे बड़ा धर्म है।

यह भी जरूर पढ़ें:

विक्रम बेताल की 24वीं कहानी
विक्रम बेताल की 22वीं कहानी
26 विक्रम और बेताल की कहानियां

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Guest Post

- Guest Post -spot_img

Most Popular

Recent Comments