
पेड़ पर उल्टे लटके बेताल को राजा नीचे उतारता हे। एक बार फिर राजा अपन कंधे पर उठाकर बेताल को श्मशान की ओर लेकर चलना शुरू कर देता हे।
बेताल राजा को एक ओर एक नई कहानी सुनाना शुरू कर देता हे । बेताल राजा से बोला…. बहुत वर्षों पुरानी बात है, काशी नगर में एक हरि नाम का शूद्रब्राह्मण रहता था। उसकी धर्म पत्नी का नाम कमला था ,वह बहुत खुब सुन्दर ओर एकदम परी दिखती थी। कमला के रूप रंग को देखकर कोई भी आदमी उस ली ओर आकर्षित हो जाता। एक दिन रात को कमला अपने मकान की छत्त पर निदं निकाल रही थी। जैसे ही मध्यरात्रि हुई एक मायावी पिशाच आकाश मार्ग से उड़ता हुआ कई जा रहा था।
उसकी नजर कमला पर पड़ती हे तो वो उसकी ओर मोहित हो गया। वह नीचे आता हे ओर कमला को उठाकर अपने साथ लेकर चला जाता हे। जब हरि की सुबह आँख खुलती हे ओर वह देखता हे की उसकी पत्नी उसके बिस्तर पर नहीं होती हे तो वह परेशान हो जाता हे नीचे आकर अपने पूरे घर मे देकता हे उसे कही नहीं मिलती हे । हरि अपने गाव मे पता करता हे फिर भी उसका को ही पता नहीं लगता हे हरी अपने पत्नी के नहीं मिलने से बड़ा दुखी होता हे उसके के लिए यह बड़े दुख की बात थी। वह अपनी धर्म पत्नी के खोने से इतना दुखी होता हे कि उसने जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया।
विक्रम बेताल की 13 वी कहानी (अपराधी कौन था?)
जब गाव के लोगों को इस बात का पता चलता हे तो उन्होंने जाकर हरि को समझाया कि उसे उसकी पत्नी मिल जाएगी उसे कुछ धार्मिक यात्रा करनी चाहिए। यात्रा करने से सारे पाप धूल जाते हे और तुम्हारी पत्नी वापस तुम्हें मिल जाएगी। हरि के पास और कोई मार्ग नही था इसलिए वो यात्रा के लिए निकलने के लिए तैयार हो जाता हे ओर अगले दिन घर से निकल पड़ता हे। हरि जब एक गांव से निकल रहा था तो उसको भूख लगने लगती हे । वह एक मे जाता हे ओर वह घर एक ब्राह्मण का होता हे।
घर मे उसे एक ओरत मिलती हे उसका नाम राधा होता हे राधा उस हरी को पूछती हे की आप कोन ओर कहा से आए हो किस से काम हे ? हरी राधा से कहता हे की मे काशी से आया हु ओर मे यात्रा पर निकल हु मुझे किसी से कोई काम नहीं हे मुझे भूख लगी हे इसलिए मे आया हु माते इतना कहता हे की राधा उस हरी को कहती हे की घर आया मेहमान भगवान के बराबर होता हे ओर हरी को कहती हे की आप बेठिए मे आपके लिए भोजन लेकर आती हु। ब्राह्मण की पत्नी अदर से हरि के लिए भोजन लेकर आती हे ओर उसे खाने को खीर देती हे।
हरि उस खीर को लेकर एक सरोवर के पास जाता हे ओर वो अपने मुहं हाथ साफ कर खीर खा सके और उसे पानी भी मिल जाए। हरी अपना खीर का बर्तन एक पेड़ के नीचे रखता हे हरि हाथ पैर धोने लगता हे, तभी उसी समय पेड़ पर आकार एक बाज बैठ जाता हे ओर उस बाज ने अपने मुहं में एक सांप पकड़ रखा था और वो उस सांप को खा रहा था। उस सांप का जहर नीचे गिरता हे तो वह आकर हरि की उस खीर में टपक जाता हे । भूखा हरि अपनी भूख के आगे उस खीर को जल्दी-जल्दी उसे खा जाता हे, उसे उस खीर मे स्वाद का भी पता नहीं चलता हे कि खीर में जहर है। खीर खाकर हरी थोड़ी देर आराम करता हे तब जहर हरि के शरीर में फैलने लगता हे और वो तड़पने लगता हे।
अपराधी कौन भाग -13
उसी समय हरि उस जगह से दौड़कर ब्राह्मण घर जाता ही ओर उसके घर मे ब्राह्मण ओर की पत्नी उसको दिखाई देते ही ओर वह उनके के पास जाता हे ओर उस राधा को आकर कहने लगता हे कि तूने मुझे खीर मे जहर क्यों दिया और इतना कहकर वो उसी समय नीचे गिर जाता ही जब वो दोनों उसे देखते ही तो वह मर गया होता हे । ब्राह्मण ने जब यह बात उस सुनी तो उसने अपनी पत्नी से कहा की यह क्या किया उसकी पत्नी उसको समझाती हे तो उसने अपनी पत्नी की एक भी बात वह सुनने को तैयार नहीं होता हे। ओर वह ब्राह्मण हत्या का दोष अपनी पत्नी पर लगाता हे उसे अपने घर से निकाल दिया। ओर इतनी कहानी सुनाकर बैताल राजा विक्रम से पूछता हे , “राजा बताओ कि इस में अपराधी कौन सांप, बाज या ब्राह्मण,राधा ?राजा ने जबाव दिया, “इस में इन में से कोई अपराधी नहीं हैं, वह इसलिए की सांप अपने शत्रु बाज के अधीन था, वह कुछ भी नहीं कर सकता था। वह बाज ने तो जान बूझकर उस खीर में जहर नहीं डाला, वो तो शांतिपूर्वक अपना भोजन खा रहा था।
ब्राह्मण की धर्मपत्नी ने अतिथि का आदर सत्कार किया था, उसने तो उसे भोजन दिया था। कोई भी इन तीनों को दोषी नहीं कहेगा, वो तो खुद दोषी माना जाएगा। अगर कोई दोषी या अपराधी है तो वो है ब्राह्मण, जिसने बिना सोच-विचार कर और सच्चाई को जाने बिना ही अपनी निर्दोष पत्नी राधा को घर से बाहर निकाल दिया।”बैताल बोलता हे की , “राजा आपने इस बार भी अपना सही जवाब मुझे दिया है।” इतना कहकर बैताल फिर से उड़ जाता हे ओर जाकर पेड़ पर फिर से उल्टा लटक जाता हे। राजा फिर से उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे जगल मे जाते हे।
अपराधी कौन था कहानी से सीख: इंसान को कभी भी बड़ा निर्णय लेने से पहले सोच विचार कर लेना चाहिए।
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