खुशी वहीं पर है जहां मन प्रसन्न हो

रुला देने वाली कहानी खुशी वहीं पर है जहां मन प्रसन्न | Khushi vahin per hai Jahan man praan hai

खुशी वहीं पर है जहां मन प्रसन्न हो – एक बुढ़िया थी जिसके एक पुत्र था। दोनों ही निर्धन थे और बहुत ही कठिनाई में जीवन व्यतीत कर रहे थे। एक दिन बुढ़िया के पुत्र

Read more